Saturday, February 13, 2010

हरू-हरू आता है अव छप ले माढ़ जाता है

 जनम के छतीसगढ़ी गोठियइया मन कभू हिन्दी मे गोठियाय के कोशिस करते तब  " हरू-हरू आता है अव छप ले माढ़ जाता है " ,जइसे शब्द निकलथे ।अव  अइसन कतको एकन किस्सा  सुने मे मिलथे जेला सुनके अब्बड़ हाँसी आथे । ये " हरू-हरू आता है अव छप ले माढ़ जाता है "" वाला किस्सा ल हमर सँगवारी शिवगुलाम द्विवेदी जी ह सुनाय रिहिस हाबे ।  शिवगुलाम द्विवेदी जी ह सेना मे बढ़े ओफिसर हे लेकिन गोठ-बात अव दिल से एकदम छतीसगढ़िया हे । हमर छत्तीसगढ़ी - मया के गोठ मे ये  " हरू-हरू आता है अव छप ले माढ़ जाता है " के बारे मे शिवगुलाम जी लिखथे ...
" अक बार मे ह दिल्ली के इँदिरा गाँधी हवाइ-अडडा मे मेप रीडीँग के कोर्स पढहावत रेहेँव तब देखेँव कि हमर छतीसगढ़ के कुछ छतीसगढ़िया भाइ मन ह हवाइ-अडडा मे जिहाज देखे बर आय हे । उँकर मन के बातचीत से मे ह समझ गेँव कि वो मन ह हमरे डाहर ( राजनादगाँव )  के आदमी हरे । उँकर मन से बातचीत करेँव अव पास से होटल मे चाय पियाय बर लेगेँव । ओतकी बेर दू- तीन ठन  जहाज ह हवाइ अडडा मे उतरिस तेला देख के भय़ँकर खुश होगे । वो उतरत जहाज ल देख के उही मे से एक झन आदमी ह कथे --अरे ददा रे ये जिहाज तो  हरू-हरू आता है अव छप ले माढ़ जाता है ।"
आइसन ढँग से जब आधा छतीसगढ़ी अव आधा हिन्दी ल मिलाके जब कोइ बात निकलथे त सुने मे बढ़ा मजा आथे । हमर छतीसगढ़ के दु झन जोक्कर कलाकार शिवकुमार दीपक अव कमलनारायण सिन्हा जी हरे । ये दुनो कलाकर ह प्रेम चँद्राकर जी कि फिलिम मे कामेडियन के रोल करथे । इँकर मन के प्रस्तूती ल आदमी ह हाँसत हाँसत बइहा जथे । छतीसगढ़ के ये दुनो हास्य कलाकार शिवकुमार दीपक अव कमलनारायण सिन्हा के एक ठन प्रस्तुति आप मन के सामने हे । ये प्रस्तुति मे शिवकुमार दीपक जी सेना के एक मेजर के रोल मे हे अव कमलनारायण सिन्हा जी हबलदार झाड़ुराम के भुमिका मे ।

हास्य प्रस्तुति भाग -1

मेजर साहब – छतीसगढ़ रेजीमेँट परेड़ करायेगा , – छतीसगढ़ रेजीमेँट अटेनसन, अरे तेरे को अटेनसन नही आता
झाड़ुराम - उहुँ
मेजर साहब – अच्छा कोई बात नही बेटा । जिसको अँग्रेजी मे अटेनसन बोलते है , हिन्दी मे सावधान बोलता है उसको छतीसगढ़ी मे बोलेगा रेजीमेँट अकड़ जा । बेटा झाड़ुराम हम तुमको छतीसगढ़ मे परेड़ करायेगा ।
झाड़ुराम – जी साहब
मेजर साहब – जिसको अँग्रेजी मे डिसमिस बोलते है , उसको हिन्दी मे विसर्जन बोलेगा और छतीसगढ़ी मे , रेजीमेँट छरिया जा , अव घुचत –घुचत लहुटो , सबास बेटा , सबास , अब आघु डाहर लहुटो 

हास्य प्रस्तुति भाग -2

मेजर साहब – बेटा झाड़ुराम , छतीसगढ़ रेजीमेँट
झाड़ुराम – जी सर
मेजर साहब – ये क्या जाँग को खसर खसर खजवाता है
झाड़ुराम – मच्छर चाबता है ना

मेजर साहब – अरे हमारा ददा बारडर मे चिनिया सेना से लड़ते-लड़्ते बरफ के उपर आठ-आठ दिन ले ठाड़हे रहा बिन पनही- मोजा के ।

झाड़ुराम – अइसा
मेजर साहब – तभो ले गोड़ को नही हलाया, पाँच ठन अँगरी मे चार ठन अँगरी गल गया , एक ठन अँगठा बाचे रहा, । हमर ददा के छाती सोल ले चार ठन गोली आर पार बुलक दिया , तभो ले हमर ददा नही मरा ।


झाड़ुराम - अइसा हमरो छाती डाहर ले आठ-आठ ठो गोली भुलकेगा हमारा भी इँतकाल नही होगा साहब ।

मेजर साहब – तभी हमर साहब ने बोला तुम्हारे ददा का छाती चेम्मर है । हमने बोला , साहब इही पाय के हमर मुलुक के नाम छाती-गढ़ पढ़ा है ।
झाड़ुराम - ये छातीगड़ है छातीगढ़ 

हास्य प्रस्तुति भाग -3

मेजर साहब – साबाश बेटा झाड़ुराम छतीसगढ़ रेजीमेँट, अब हम तुमको बंदुक चलाना सिखायेगा ।
झाड़ुराम - जी साहब
मेजर साहब – लो अब निसाना मारो , नाक को मारना मतलब फुनगी नाक को, दांत को मारना मतलब दांत को

झाड़ुराम – मार दों ( बंदुक ल मेजर साहब ड़ाहार टेका के )
मेजर साहब – अरे बेटा मेरे को नही बेटा, दुशमन के नाक को मारना है, दुशमन के दांत को उड़ाना है ।
झाड़ुराम – अरे साहब जब आपके ददा के छाती सोल ले चार- चार ठन गोली आर-पार बुलक दिया और आपके ददा का इंतकाल नही हुआ तो आपके छाती सोल ले बुलक देगा तो क्या आपका इंतकाल हो जायेगा । एक गोली साहब ।
मेजर साहब – अरे नही बेटा ।

झाड़ुराम – एक गोली साहब- एक गोली ।
मेजर साहब – अकड़ जा (झाड़ुराम के बइहापना ल देख के मेजर ह आर्डर दे देथे )
मेजर साहब – लेड़झंग पड़ जा , अकड़ जा , पीछु ड़ाहर मुहु करो अव रकसहु ड़ाहर तेड़गा देखत आघु ड़ाहार घुचो ।
( दुनो कोइ परेड़ करें बर धर लेथे )
मेजर साहब – डॆरी जेवनी – डेरी जेवनी , अरे आघु मे मत आ गिर जबे रे ।
( दुनो कोइ हड़बड़ा के गिर जथे )

5 comments:

वन्दना अवस्थी दुबे said...

स्वागत है

kshama said...

Shubhkamnayen!

Sanjeet Tripathi said...

mast haavay ekdamech, majaa aage

रवि रतलामी said...

वा ददा एकदम मजा आ गे. एखर कोनो आडियो वीडियो होही त ओला यूट्यूब मं चढ़ा देहू त देख घलो लेबो.

Rahul Singh said...

अइसनहे लिखे ह अबड़ मिठाता है, गउकि.