बिना बल के जवान
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
कांहा ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
कंहवा ले रे पान , कंहवा ले रे पान ।
कांहा ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
कंहवा के जवान , कंहवा के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है ...............
कटनी ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
रायपुर ले रे पान , रायपुर ले रे पान ।
पटना ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
धमतरी के जवान , धमतरी के जवान ।
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है ...............
फोरे न फूटे सुपलिया ।
कांहा ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
कंहवा ले रे पान , कंहवा ले रे पान ।
कांहा ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
कंहवा के जवान , कंहवा के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है ...............
कटनी ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
रायपुर ले रे पान , रायपुर ले रे पान ।
पटना ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
धमतरी के जवान , धमतरी के जवान ।
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है ...............
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दँडा गीत
तोर अस जोड़ी हो ललना , मोरे अस जोड़ी
कबहू न गढ़े भगवान मोरे ललना ॥
कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी ।
कउन महीना मे बिहाव मोरे ललना ।
माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी
फागुन महीना मे बिहाव मोर ललना ॥
कोरवन पाइ–पाइ भँवर गिंजारे ।
कोरवन पाइ –पाइ भंवर गिंजारे ।
भँवर गिंजारे हो ललना , भँवर गिंजारे ।
पर्रा मे लगिंन लगाय मोरे ललना ॥
कबहू न गढ़े भगवान मोरे ललना ॥
कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी ।
कउन महीना मे बिहाव मोरे ललना ।
माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी ।
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी
मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी
फागुन महीना मे बिहाव मोर ललना ॥
कोरवन पाइ–पाइ भँवर गिंजारे ।
कोरवन पाइ –पाइ भंवर गिंजारे ।
भँवर गिंजारे हो ललना , भँवर गिंजारे ।
पर्रा मे लगिंन लगाय मोरे ललना ॥
6 comments:
बहुत बढिया गीत लिखेव संगवारी, गांव के होरी के दिन सुरता आ गे.
आप ला होरी के टुकना टुकना बधई.
हाव ग गाँव के होरी के सुरता आगे त ये गाना ल लिखे हाबोँ । ये विदेस मे तो कहाँ होली मनाबो , बस इटरनेट मे बैठ के होली के सुरता ल करत रथन ।
युवराज भाई
हम तो आपसे याने हेमिल्टन से बिल्कुल पास है. हम टोरंटो में हैं-एजेक्स में...पिकरिंग के तुरंत बाद...फोन करिये या नम्बर भेजिये तो बात हो फिर मुलाकात हो...
मेरा नम्बर...९०५-४२६-२०८५.
इन्तजार रहेगा.
तोर गीत हा सुग्घर लागिस .कनाडा में रहि के मुजगहन ला नई भुलाये हस .जोहर --------.अशोक बजाज रायपुर
जबरदस्त.. आपको हिंदी दिवस की शुभकामनायें ..
Very Nice ..plz visit my blog http://yogeshamana.blogspot.com/
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